सामान्य अध्ययन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का (Sample Material)
विषय: भारतीय राजव्यवस्था एवं अभिशासन
केन्द्र-राज्य संबंध
भारत का संविधान अपने स्वरूप में संघीय है तथा समस्त शक्तियां (विधायी,
कार्यपालक और वित्तीय) केंद्र एवं राज्यों के मध्य विभाजित हैं । यद्यपि न्यायिक
शक्तियों का बंटवारा नहीं है ।
संविधान में एकल न्यायिक व्यवस्था की स्थापना की गई है, जो केंद्रीय कानूनों की तरह
ही राज्य कानूनों को लागू करती है ।
यद्यपि केंद्र एवं राज्य अपने- अपने क्षेत्रों में प्रमुख हैं, तथापि संघीय तंत्र के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए इनके मध्य अधिकतम सहभागिता एवं सहकारिता आवश्यक है । इस तरह संविधान ने केंद्र-राज्य संबंधों को लेकर विभिन मुद्दों पर व्यवस्थाएं स्थापित की हैं ।