सामान्य अध्ययन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का (Sample Material)
विषय: भारतीय राजव्यवस्था एवं अभिशासन
अध्याय: प्रधानमंत्री
पूर्ण सामग्री के लिए ऑनलाइन कोचिंग मे शामिल हो
हार्ड कॉपी (Hard Copy) में जीएस पेपर 1 (GS Paper - 1) अध्ययन किट खरीदने के लिए यहां क्लिक करें
संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार की संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति केवल नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख्य होता है (क्म श्रनतम म्गमबनजपअम) तथा वास्तविक कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में (क्म थ्ंमजव म्गमबनजपअम) निहित होती हैं। दूसरे शब्दों में, राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख्य होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख्य होता है ।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति
संविधान के में प्रधानमंत्री के निर्वाचन और नियुक्ति के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं दी गई है। अनुच्छेद 75 केवल इतना कहता है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा। हालांकि इसका अभिप्राय यह नहीं है कि राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करने हेतु स्वतंत्र है। सरकार की संसदीय व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है परंतु यदि लोकसभा में कोई भी दल स्पष्ट बहुमत में न हो तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति में अपनी वैयक्तिक विवेक स्वतंत्रता का प्रयोग कर सकता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति सामान्यतःसबसे बड़े दल अथवा गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है और उससे 1 माह के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहता है।