सामान्य अध्ययन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का (Sample Material)
विषय: भारतीय राजव्यवस्था एवं अभिशासन
अध्याय: भारत का संवैधानिक इतिहास
- बंगाल में प्लासी की विजय के उपरांत ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन का प्रारंभ किया ।
- बंगाल में प्लासी की विजय के उपरांत ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन का प्रारंभ किया ।
- व्यापारी बंगाल से लुटे हुए सोने से भरे थैले लेकर इंग्लैण्ड लौटते रहे।
रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा भारत और इंग्लैंड दोनों की ही कंपनियों के संविधान में परिवर्तन लाने का प्रावधान किया गया । चुनाव के कम से कम एक वर्ष पहले से जो लोग एक हजार पौंड की राशि के शेयरधारक होंगे, उन्हीं को इंग्लैंड में कोर्ट आॅफ प्रोपरालर्स में मतदान करने का अधिकार होगा । डायरेक्टरों का चुनाव झार वर्ष के लिए होता था ।
इनकी संख्या 24 थी जिसमें से 25 प्रतिशत प्रति वर्ष अवकाश प्राप्त कर सकती है। इन डायरेक्टरों को वे वित्त विभाग के सामने भारत प्रशासन तथा राजस्व के सेक्रेटरी आॅफ स्टेट के सामने सभी सैनिक और असैनिक प्रशासन संबंधी पत्र व्यवहार को प्रस्तुत करना था । इससे पहली बार ब्रिटेन के मंत्रिमंडल को भारतीय मामलों पर नियंत्रण और हस्तक्षेप का अधिकार प्राप्त हुआ लेकिन यह अधिकार अपूर्ण है। बंगाल में बनाए गए प्रशासन मंडल में गवर्नर जनरल अध्यक्ष होता था तथा उसके अलावा चार पार्षद नियुक्त होते थे । इस मंडल में बहुमत से निर्णय किया जाता था । मत बराबर होने की स्थिति में अध्यक्ष निर्णायक मत का प्रयोग कर सकता था ।